संयुक्त राष्ट्र की नेतृत्व में क्लाइमेट एंड क्लीन एयर कोएलिशन (जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हमारे लिए मौजूदा मीथेन मिटिगेशन के उपाय 2045 तक ग्लोबल वार्मिंग को 0.3 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर सकते हैं। इतना ही नहीं, मीथेन मिटिगेशन प्रत्येक वर्ष 255000 समय से पहले होने वाली…
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यूँ ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो जलवायु परिवर्तन 18% तक घटाएगा वैश्विक GDP
जिस रफ़्तार पर फ़िलहाल दुनिया चल रही है, उस रफ़्तार और इरादों से पैरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल कर पाना संभव नहीं और साथ ही, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के परिणामस्वरूप, वर्तमान उत्सर्जन योजनाओं के तहत, 2050 तक विश्व अर्थव्यवस्था 7-10% छोटी हो जाएगी और अगर कार्रवाई धीमी हुई तो दुनिया की जीडीपी 2050 तक 18% कम हो जाएगी। यह ख़ुलासा हुआ…
मोदी ने बनाया बिडेन के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए “एजेंडा 2030″
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने घोषणा की है कि ट्रम्प प्रशासन नीतियों के ठीक विपरीत, अमेरिका 2005 के स्तरों के सापेक्ष 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 50%-52% की कटौती करेगा। वहीँ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि भारत और अमेरिका पर्यावरण के वैश्विक अनुकूल सहयोग के लिए “एजेंडा 2030” नाम से…
‘अब नहीं बनेंगे नए कोयला बिजली घर’
आज जारी अध्ययन के मुताबिक भारत की कुल ऊर्जा क्षमता के 50% हिस्से का उत्पादन कर रहे राज्य और कंपनियां अब कोई नया कोयला बिजली घर नहीं बनाने का व्यक्त कर रही हैं संकल्प दिल्ली स्थित जलवायु संवाद संगठन क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक ताजा अध्ययन के मुताबिक भारत में मौजूदा स्थापित ऊर्जा उत्पादन…
इधर रिन्यूएबल ऊर्जा वित्तपोषण में गिरावट भारी, उधर कोयला बिजली का वित्तपोषण जारी
ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के ताज़ा शोध नतीजे बताते हैं कि जहाँ एक और वैश्विक स्तर पर कोयला खादानों और कोयला बिजली परियोजनाओं के वित्तपोषण में लगातार भारी बढ़त हो रही है वहीँ रिन्युब्ल ऊर्जा से जुड़े ऋण और वित्तपोषण में लगातार गिरावट हो रही है। दुनिया की इस अग्रिणी यूनिवर्सिटी के सस्टेनेबल फाइनेंस प्रोग्राम के एक नए अध्ययन…
बाइडेन की क्लाइमेट समिट तय करेगी दुनिया में जलवायु परिवर्तन की दशा और दिशा
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई के प्रति अमेरिका एक बार फिर संजीदा है। यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन 40 देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है जो कार्बन उत्सर्जन में सबसे ज्यादा योगदान करते हैं। इसके अलावा आमंत्रितों में कुछ ऐसे देश भी शामिल हैं जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों…
प्रदूषण मुक्त स्वास्थ्य व्यवस्था के लिये जारी हुआ वैश्विक रोड मैप
स्वास्थ्य क्षेत्र को पैरिस समझौते के तहत वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप बनाने के लिये अपनी तरह के पहले मार्गदर्शक निर्देश प्रदूषण से पूरी तरह मुक्त स्वास्थ्य व्यवस्था के लिये, हेल्थ केयर विदआउट हार्म और अरूप नामक संस्थाओं ने एक रोड मैप जारी किया…
कार्बन-सघन वस्तुओं के आयात को दंडित करेगा यूरोपीय संघ, प्रस्तावित नियम को लेकर विशेषज्ञों में संशय
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सबसे महत्वाकांक्षी सरकारी योजनाओं में से एक, यूरोपीय संघ की ग्रीन डील साल 2050 तक यूरोपीय देशों के इस समूह की अर्थव्यवस्था को नेट ज़ीरो उत्सर्जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से बनी नीतियों का एक सेट है। यह अपनी तरह की एक अनूठी और पहली पहल है। लेकिन किसी…
प्राकृतिक अजूबों को भी नष्ट कर सकता है जलवायु परिवर्तन
यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि जारी रहती है तो दुनिया के सबसे आश्चर्यजनक प्राकृतिक स्थानों के अद्वितीय जानवर और पौधे विलुप्त हो सकते हैं। यह चेतावनी सामने आई है जर्नल बायोलॉजिकल संरक्षण में प्रकाशित एक नए वैज्ञानिक अध्ययन में। हालाँकि पेरिस समझौते के जलवायु लक्ष्यों के भीतर शेष है – जिसका उद्देश्य वैश्विक तापमान को 2°C से नीचे रखना है, आदर्श रूप…
क्या उत्तराखंड की बढ़ती गर्मी बनी वहाँ जंगलों में लगी आग का सबब?
जंगलों में लगने वाली आग अब तक हमें अमेरिका और ब्राज़ील की याद दिलाती हैं। लेकिन अब, आग लगने की ख़बर हमारे अपने उत्तराखंड के जंगलों से फ़िलहाल आ रही है। अटपटा सिर्फ यही नहीं कि भारत के जंगलों में आग लगी है। जंगलों में आग लगना असामान्य नहीं है लेकिन हैरान करने वाली बात…