भारत में अब रसोई की आग बदलने की बारी है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली से खाना पकाना (ई-कुकिंग) न सिर्फ़ साफ़ और सुविधाजनक है, बल्कि एलपीजी और पीएनजी, दोनों से सस्ता भी है। IEEFA (Institute for Energy Economics and Financial Analysis) द्वारा जारी अध्ययन में बताया गया है कि भारत में ई-कुकिंग का…
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किसानों की अनुकूलन को मदद कम, सब्सिडी ज़्यादा
दुनिया भर में छोटे किसान – जो आधी से ज़्यादा खाद्य कैलोरी पैदा करते हैं – जलवायु संकट की मार झेल रहे हैं।लेकिन उनकी मदद के लिए जितनी रकम चाहिए, दुनिया उतना पैसा किसी और चीज़ पर नहीं, बल्कि हानिकारक कृषि सब्सिडियों पर खर्च कर रही है। नए विश्लेषण के मुताबिक, छोटे किसानों के जलवायु…
ग्लोबल वार्मिंग भिगो रहा भारत को, इस साल का मॉनसून रहा बेपरवाह
बारिश अब वैसी नहीं रही जैसी पहले हुआ करती थी। कभी सूखा पड़ता है, तो कभी आसमान जैसे खुलकर बरस पड़ता है। भारत में इस साल का मॉनसून भी कुछ ऐसा ही रहा। 45% इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, और पूरे देश में औसतन 108% वर्षा, यानि “सामान्य से ज़्यादा” मॉनसून। भारत मौसम विभाग (IMD)…
2035 तक 28 करोड़ नई नौकरियाँ और 1.3 ट्रिलियन डॉलर का अवसर: रिपोर्ट
जब दुनिया जलवायु आपदाओं की बढ़ती लागत से जूझ रही है, उस बीच Systemiq और 20 अग्रणी अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा जारी नई रिपोर्ट ने दिखाया है कि जलवायु और प्रकृति आधारित रेज़िलिएंस (resilience) में निवेश केवल जीवन बचाने का नहीं, बल्कि एक बड़े आर्थिक अवसर का सवाल भी है। Returns on Resilience शीर्षक वाली यह…
कार्बन बॉर्डर टैक्स: भारत के लिए राहत के संकेत, पर अनिश्चितता बरकरार
यूरोपीय संघ (EU) के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज़्म (CBAM) को लेकर भारत और यूरोप के बीच महीनों से जारी तनाव के बीच, एक नई स्टडी ने तस्वीर का एक संतुलित पक्ष दिखाया है। ब्रसेल्स स्थित थिंक टैंक Sandbag की नई रिपोर्ट के अनुसार, CBAM के शुरुआती चरण में भारतीय निर्यातकों पर पड़ने वाला वित्तीय असर…
57 कम गर्म दिन: पेरिस समझौते की वो उम्मीद, जो अब भी ज़िंदा है
दुनिया की गर्मी बढ़ चुकी है। मौसम अब सिर्फ़ बदलता नहीं – चेतावनी देता है।लेकिन इसी बेचैनी के बीच एक नई स्टडी ने उम्मीद की झलक दी है। अगर देश पेरिस समझौते (Paris Agreement) के तहत तय अपने वादों को पूरा करते हैं और इस सदी के अंत तक तापमान वृद्धि को लगभग 2.6°C तक…
एनर्जी सेक्टर में उगा रिन्यूबल का सूरज‘: सूर्य घर योजना’ से रफ्तार तो बढ़ी, पर राह अभी लंबी है
भारत में अब छतें सिर्फ़ बारिश नहीं, सूरज भी पकड़ रही हैं। प्रधानमंत्री सूर्या घर योजना (PMSGY) ने देश के रेज़िडेंशियल रूफटॉप सोलर सेक्टर को नई दिशा दी है। लॉन्च के महज़ एक साल में 4,946 मेगावॉट क्षमता स्थापित की जा चुकी है, और अब तक ₹9,280 करोड़ (लगभग 1.05 बिलियन डॉलर) की सब्सिडी जारी…
वॉशिंगटन में दुनिया के भविष्य पर मंथन: कर्ज़, क्लाइमेट, और राजनीति एक मेज़ पर
वॉशिंगटन डी.सी. में इस हफ्ते (13 से 18 अक्टूबर) कुछ बड़े फैसले होने वाले हैं।यह वो जगह है जहाँ हर साल दुनिया की अर्थव्यवस्था का रास्ता तय होता है-World Bank और IMF की सालाना बैठकें। लेकिन इस बार माहौल कुछ और है। पृष्ठभूमि में उभर रहे हैं कई सवाल:क्या अमीर देश अपने कर्ज़ के जाल…
एनर्जी सेक्टर में उगा रिन्यूबल का सूरज, भारत बना बदलाव की रफ्तार
दुनिया भर में क्लीन एनर्जी की कहानी अब किसी भविष्यवाणी की तरह नहीं, बल्कि एक वास्तविकता की तरह सामने आ रही है। 2025 की पहली छमाही में पहली बार सोलर और विंड एनर्जी ने वैश्विक बिजली मांग में हुई पूरी वृद्धि को पूरा कर दिया, जिससे कोयला और गैस आधारित बिजली उत्पादन में मामूली गिरावट…
पेरिस समझौते के दस साल: दुनिया ने दिशा पाई, अब भारत की बारी और बड़ी चुनौती
2015 की दिसंबर की वो ठंडी शाम याद है जब पेरिस में दुनिया एक साथ आई थी? 194 देशों ने पहली बार एक साझा वादा किया था – धरती को 1.5°C की सीमा में रोकने का। वो कोई साधारण समझौता नहीं था; वो भविष्य की उम्मीद पर लिखा गया एक दस्तावेज़ था। अब, उस ऐतिहासिक…