काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (CEEW) द्वारा जारी एक स्वतंत्र विश्लेषण के अनुसार, उत्तराखंड में 85 प्रतिशत से अधिक जिले, जहाँ नौ करोड़ से अधिक लोगों के घर हैं, अत्यधिक बाढ़ और इसके संबंधित घटनाओं के हॉटस्पॉट हैं। यही नहीं, उत्तराखंड में चरम बाढ़ की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता 1970 के बाद से चार गुना बढ़ गई है। इसी तरह, भूस्खलन, बादल फटने, ग्लेशियल झील…
Author: Climate कहानी
‘मेडिसिन की पढाई में शामिल हो जलवायु परिवर्तन’
भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े 3000 से ज्यादा पेशेवर लोगों को शामिल कर जलवायु परिवर्तन पर किये गये अब तक के सबसे बड़े सर्वे से जाहिर हुआ है कि देश के स्वास्थ्य सेक्टर को भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये कदम उठाने और उनकी पैरवी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिये। क्लाइमेट…
पेरिस समझौते के लक्ष्य पूरे होने से बच सकती हैं लाखों जानें-लैंसेट
एक स्वस्थ जनसँख्या काफ़ी कुछ कहती है अपने आस पास के पर्यावरण और जलवायु के बारे में। आप अपने शरीर का ख्याल अगर सही मायने में रख रहे हैं, तो आप पृथ्वी और पर्यावरण का ख्याल रख रहे हैं। इसी बात की तस्दीक करती है ये ताज़ी रिपोर्ट। लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ जर्नल के एक विशेष…
क्या टल सकती थी चमोली में ग्लेशियर फटने से हुई तबाही?
रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूटने से हुई भारी तबाही क्या टल सकती थी? अगर 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन में दी गयी चेतावनी पर ध्यान दिया गया होता तो अगर ये आपदा टल नहीं सकती थी, तो कम से कम इसके जोखिम को कम करने के लिए उचित…