अस्पतालों पर एक नया खतरा मंडरा रहा है। और यह खतरा लाई है बदलती जलवायु। जी हाँ, सही पढ़ा। चरम मौसम की घटनाएँ अस्पतालों को बंद तक करा सकती हैं। दरअसल क्रॉस डिपेंडेंसी एनालिसिस (एक्सडीआई) द्वारा आज जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यदि दुनिया के तमाम देश फोस्सिल फ्यूल एमिशन पर अंकुश लगाने में विफल रहते हैं, तो दुनिया भर…
Category: जलवायु परिवर्तन
कृषि पर जलवायु संकट का गंभीर खतरा, फसल विविधीकरण और लचीली कृषि पद्धतियाँ अब बेहद प्रासंगिक
भारत के 40% कार्यबल को रोजगार देने वाला कृषि क्षेत्र जलवायु परिवर्तन से गंभीर खतरे में है। फसल पैदावार कम होने के चलते इस साल पहले ही खाद्य कीमतों में 11.51% की वृद्धि देखी जा रही है और इस बीच बढ़ते तापमान के चलते पैदावार के और कम होने की पूरी संभावना है। ‘भारत में…
COP 28 शुरू, क्या बन पाएगी लॉस एंड डैमेज फंड संचालन पर आम सहमति?
संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा बैठक दुबई में आज से शुरू हो गयी है और इसकी सफल शुरुआत को ले कर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल इस बैठक की शुरुरात में दुनिया के लगभग सभी देश, दुनिया भर के कमजोर देशों को ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले अत्यधिक खराब मौसम से निपटने में…
अपने नेट-जीरो लक्ष्यों के लिये होगी भारत को 101 बिलियन डॉलर की जरूरत
भारत वर्ष 2030 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ाने की योजना पहले से ही बना रहा है, मगर ऐसा करने के लिये 293 बिलियन डॉलर की जरूरत पड़ेगी। वैश्विक थिंक टैंक ‘एम्बर’ की एक नयी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। विश्लेषण मे पाया गया है कि भारत…
दुनिया का एक तिहाई भोजन पैदा करने वाले किसानों को अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट फाइनेंस का मिलता है मात्र 0.3 प्रतिशत
दुनिया में उत्पादित कुल भोजन के एक तिहाई हिस्से का उत्पादन करने वाले लघु स्तरीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट फाइनेंस या जलवायु वित्त का महज 0.3 प्रतिशत हिस्सा ही नसीब होता है। इस बात का पता चलता है दुनिया के साढ़े तीन करोड़ पुश्तैनी, या पीढ़ी दर पीढ़ी खेती करते चले आ रहे छोटे और मंझोले किसान…
वार्मिंग को 2.5-2.9°C तक रोकने के लिए मौजूदा से अधिक प्रयास ज़रूरी
एक कड़ी चेतावनी देते हुए, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नवीनतम एमिशन गैप रिपोर्ट दुनिया के तमाम देशों के लिए वर्तमान पेरिस समझौते के वादों से परे अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने की अनिवार्यता को साफ़ करती है। ऐसा करने में विफल रहने पर सदी के अंत तक वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 2.5-2.9…
वैश्विक रिन्यूबल एनेर्जी दौड़ में एशिया अव्वल
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दुनिया भर में रिन्यूबल एनेर्जी को प्राथमिकता देने के मामले में एशिया सबसे तेज़ खिलाड़ी के तौर पर उभर रहा है। एशिया में इस क्षेत्र में निवेश में सालाना 23% की प्रभावशाली वृद्धि हो रही है, जो कि ज़ीरो कार्बन एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार $ 345 बिलियन की एक आश्चर्यजनक…
गर्मी से होने वाली मौतों में भीषण इज़ाफ़े की संभावना: द लैंसेट काउंटडाउन
विश्व विख्यात मेडिकल जर्नल द लैंसेट की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस सदी के मध्य तक वैश्विक स्तर पर गर्मी से संबंधित मौतों में 4.7 गुना इज़ाफ़ा होने की संभावना है। द लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज की 8वीं वार्षिक रिपोर्ट में, सीधे तौर पर कहा गया है…
आपने अनुभव कर लिए हैं धरती के लगातार सबसे गर्म 12 महीने
नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023 तक की अवधि पृथ्वी की सबसे गर्म 12 महीने की मीयाद रही ग्लोबल वार्मिंग पूर्व-औद्योगिक स्तरों के मुकाबले 1.3 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर गई है। इसी बीच की गई एट्रीब्यूशन स्टडी में ऐसे देशों और शहरों की पहचान की गई है जहां जलवायु परिवर्तन की वजह से…
COP 28 से पहले 46 मिलियन हेल्थ प्रोफेशनल्स ने फ़ोसिल फ्यूल के खिलाफ़ उठाई आवाज़
एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में, दुनिया भर के 46.3 मिलियन से अधिक डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफेशनल्स ने COP28 के मनोनीत अध्यक्ष सुल्तान अहमद अल-जबर को एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में एक “न्यायसंगत, बराबरदारी वाले और सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने वाले” भविष्य के लिए फ़ोसिल फ्यूल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने…