Skip to content
Menu
Climate कहानी
  • आइए, आपका स्वागत है!
  • बुनियादी बातें
  • चलिए पढ़ा जाये
  • आपकी कहानी
  • सम्पर्क
  • शब्दकोश
Climate कहानी

फ़िलहाल भारत का नेट ज़ीरो होने का इरादा नहीं, ऊर्जा मंत्री ने उल्टा बोला चीन पर हमला

Posted on April 2, 2021

तमाम कयासों को शांत करते हुए भारत के ऊर्जा एवं रिन्यूएबिल एनर्जी मंत्री राज कुमार सिंह ने न सिर्फ साफ़ कर दिया है कि भारत फ़िलहाल नेट ज़ीरो एमिशन के लिए कोई वायदा नहीं करेगा, बल्कि भारत के ऊर्जा मंत्री ने चीन और उस जैसे बड़े उत्सर्जकों पर शब्दों का तीखा हमला भी कर डाला है।

यह घटनाक्रम हुआ अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संस्था, IEA, द्वारा आयोजित वर्चुअल नेट जीरो सम्मेलन में जहाँ ऊर्जा मंत्री ने नेट ज़ीरो के लक्ष्यों को फ़िलहाल असम्भव बताते हुए अमीर देशों से अपने उत्सर्जन में कटौती के लिए आगे आने को कहा।

ऊर्जा मंत्री के बयान ऐसे समय पर आये जब भारत पर ग्लासगो में नवम्बर में होने वाली COP26 सम्मेलन से पहले बड़े पैमाने पर कूटनीतिक दबाव बन रहा था नेट ज़ीरो लक्ष्य घोषित करने का। लेकिन सिंह ने अंततः सरकार का पक्ष दुनिया के आगे रख ही दिया इस शिखर सम्मेलन में।

दरअसल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने के इरादे से 31 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) और संयुक्त राष्ट्र की 26वीं क्लाइमेट चेंज कांफेरेंस (COP26) के नेट शून्य शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें में 40 से अधिक देशों के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और जलवायु नेताओं ने भाग लिया।

सिंह ने नेट ज़ीरो का समर्थन करने वाले चीन के ऊर्जा मंत्री झांग जियानहुआ, अमेरिका के जलवायु दूत जॉन केरी और ईयू के फ्रैंस टिममेन के साथ इस सम्मलेन में पैनल चर्चा के दौरान बिना किसी का नाम लिए कहा, “ऐसे भी देश हैं जिनका प्रति व्यक्ति उत्सर्जन विश्व औसत का चार गुना, पांच गुना, छह गुना, यहाँ तक की 12 गुना है।” उन्होंने आगे चीन पर तीखा हमला करते हुए कहा, “ये तो हम सुनते आ रहे हैं कि हम उत्सर्जन कम करेंगे, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि उत्सर्जन कब कम होने वाला है? जो हमें सुनाई देता है वो ये है कि 2050 तक या 2060 तक हम कार्बन न्यूट्रल हो जाएंगे, लेकिन 2060 बहुत दूर है। और अगर इसी रफ्तार पर वो एमिशन करते रहे तो दुनिया नहीं बचेगी।” ऊर्जा मंत्री ने आगे साफ़-साफ़ पूछा कि, “अब आप ये बताइए कि आप अगले पांच से दस सालों में क्या करने वाले हैं इस दिशा में क्योंकि दुनिया यही जानना चाहती है।”

यहाँ जानना होगा कि कच्चे तेल के निर्यातक सऊदी अरब साल 2030 तक 50 फ़ीसद रेन्युब्ल एनेर्जी की ओर जाने की बात कर रहा है और पौधारोपण को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रहा है।

IEA द्वारा आयोजित इस  नेट ज़ीरो सम्मेलन की शुरुआत करते हुए, COP26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने सभी देशों को शुद्ध शून्य दुनिया के लिए प्रतिबद्ध होने को कहा। उन्होंने कहा, “फ़िलहाल इस नेट ज़ीरो लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया जा रहा है। हम एक और दशक सिर्फ विचार-विमर्श में नहीं गँवा सकते।”

इधर कुछ समय से नेट ज़ीरो के लिए भारतीय योजनाओं पर अटकलें तेज हो गई थीं। बल्कि हाल की रिपोर्टों ने तो इस बात तक का इशारा किया कि मोदी के करीबी सरकारी अधिकारी 2050 या 2047 के लिए शुद्ध शून्य लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार कर रहे थे। लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में, सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि भारत के 2050 तक अपने आप को एक शून्य शून्य लक्ष्य में बंधने की संभावना नहीं है। और अब IEA  की #NetZeroSummit में बिजली मंत्री के भाषण ने सभी अटकलें पर विराम लगा दिया।

नेट ज़ीरो के लक्ष्य हाल फ़िलहाल में विशेषज्ञों के निशाने पर आ गए हैं और उनकी जांच के दायरे में हैं क्योंकि इन लक्ष्यों में भविष्य में 30 साल के लिए प्रतिबद्धताओं का उल्लेख तो किया है लेकिन आने वाले अगले कुछ सालों में कटौती के लिए किसी परिवर्तनकारी कार्रवाई का ज़िक्र नहीं किया है।

  • carbon emissions
  • china
  • climate accord
  • climate action
  • climate change
  • cop26
  • emissions
  • john kerry
  • net zero
  • netzero
  • paris climate agreement

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्लाइमेट की कहानी, मेरी ज़बानी

©2025 Climate कहानी | WordPress Theme: EcoCoded