गोवा ,राजस्थान ,गुजरात ,कर्नाटक, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश ने लगायी वैश्विक औसत से ऊंची छलांग वर्ष 2022 में पवन और सौर ऊर्जा उत्पादन ने वैश्विक स्तर पर उत्पादित कुल बिजली के 12 प्रतिशत के कीर्तिमानी स्तर को छू लिया है। ऊर्जा क्षेत्र के थिंक टैंक एम्बर की आज जारी एक अहम रिपोर्ट में यह तथ्य…
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IFC ने की नई कोयला परियोजनाओं की फंडिंग बंद करने की घोषणा
विश्व बैंक की निजी क्षेत्र की शाखा, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) ने साफ कर दिया है कि वह नई कोयला परियोजनाओं में निवेश का समर्थन नहीं करेगी।IFC बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को धन देता है जो बदले में बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं को उधार देते हैं। IFC ने कथित तौर पर भारत में…

कोयला बिजली: नए निवेशों की रफ्तार धीमी, पुराने प्लांटों को बंद करने पर स्थिति असपष्ट
ग्लोबल एनेर्जी मॉनिटर के नौवें वार्षिक सर्वे की मानें तो भविष्य में अपने कोयले के इस्तेमाल को लेकर भारत वैश्विक स्तर पर मिले जुले संकेत भेजता रहा है। कोल प्लांट पाइप लाइन पर होने वाले इस सर्वे के मुताबिक़ जहां एक ओर नयी कोयला बिजली परियोजनाओं की कमीशनिंग बीते वर्षों में अपने निचले स्तर पर रही है, वहीं नई परियोजनाओं के लिए प्लान भी बन रहे हैं और पुराने कम आउटपुट और एफ़िशियेन्सी वाले प्लांटों को बंद करने की कोई स्पष्ट योजना नहीं दिख रही। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने 2022 में केवल 3.5 गीगावाट (GW) नई कोयला बिजली क्षमता पर खर्च किया है। 2020 में होने वाली महामारी की मंदी को छोड़ दें तो, यह 2014 के उच्च…

वायु प्रदूषण से निपटने में निभा सकता है निर्णायक भूमिका यह लिक्विड ट्री
निशान्त सक्सेना भारत में फिलहाल जहां एक ओर नगरीय विकास की ज़रूरत बाद रही है, वहीं पर्यावरणीय स्थिरता की आवश्यकता भी बड़ी होती जा रही है. जैसे-जैसे शहरों का विकास और विस्तार होता है, भूमि और संसाधनों की मांग में वृद्धि जारी रहती है, जिससे वायु प्रदूषण सहित कई पर्यावरणीय मुद्दे सामने आते हैं. सड़कों…

सफल एनेर्जी ट्रांज़िशन के लिए 2030 तक 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश ज़रूरी
विश्व एनेर्जीट्रांज़िशन आउटलुक को पूर्वावलोकन इस दिशा में प्रगति की नाटकीय कमी की चेतावनी देता है, साथ ही करता है 1.5 डिग्री सेल्सियस जलवायु लक्ष्य को बनाए रखने के लिए एनेर्जीट्रांज़िशन में सामरिक बदलाव की मांग वैश्विक संकटों के प्रभाव से वैश्विक एनेर्जी ट्रांज़िशन अपनी ट्रैक से हट चुका है। बर्लिन एनर्जी ट्रांजिशन डायलॉग (बीईटीडी) में आईआरईएनए के महानिदेशक फ्रांसेस्को ला कैमरा द्वारा पेश किया गया, वर्ल्ड एनर्जी ट्रांजिशन आउटलुक 2023 प्रीव्यू साफ तौर पर एनर्जी…

विंड एनेर्जी कि सप्लाई चेन में निवेश अब बन गया है ज़रूरी
पवन बिजली उद्योग 2025 तक, ओनशोर या तटवर्ती और ऑफशोर या अपतटीय, दोनों बाज़ारों में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए वर्ष 2027 तक 680 गीगावाट की रिकॉर्ड स्थापना की उम्मीद कर रहा है। सप्लाई चेन की रुकावटों को दूर करने के लिया नीति निर्माताओं को 2026 से काम करने की ज़रूरत है। इसकी सप्लाई चेन में रुकावट की वजह से 2030 के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने…

दलगत राजनीति से ऊपर, इन सांसदों ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मिला लिया है हाथ
वायु प्रदूषण की समस्या के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए और इससे निपटने के लिए अपनी नीतिगत एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए देश के विभिन्न प्रान्तों से आने वाले, अलग अलग राजनीतिक दलों से संबद्ध कुछ सांसदों ने पार्लियामेंटेरियन्स ग्रुप फॉर क्लीन एयर (पीजीसीए) का गठन किया है। इस दल का उद्देश्य है कि यह…

न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन में प्राइवेट फायनेंस की भूमिका महत्वपूर्ण : अमिताभ कांत
न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन पर एक बार फिर ध्यान खींचने के इरादे से इंटरनेशनल फोरम फॉर एनवायरनमेंट, सस्टेनेबिलिटी, एंड टेक्नालजी (iForest) ने दिल्ली में इस विषय के तमाम नीतिगत और वित्तीय पहलुओं पर बात करने के लिए पहला ग्लोबल जस्ट ट्रांज़िशन डायलॉग आयोजित किया। इस आयोजन का उद्देश्य जस्ट ट्रांज़िशन, या न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन, के राष्ट्रीय…

न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन फायनेंसिंग में निभा सकता है भारत महत्वपूर्ण भूमिका: विशेषज्ञ
जी20 देशों के अध्यक्ष के रूप में भारत के पास वैश्विक स्तर पर न्यायसंगत ट्रांज़िशन के वित्तपोषण तथा कई अन्य पहलुओं पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका है। इन पहलुओं में लो कॉस्ट लॉन्ग टर्म रेजीलियंस इन्वेस्टमेंट और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली क्षति की भरपाई के लिये आमदनी के नए जरिए तलाशने के…

तत्काल जलवायु कार्रवाई कर सकती है सभी के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित: संयुक्त राष्ट्र
बात मानव जनित जलवायु परिवर्तन के लिए स्वयं को ऍडाप्ट करने की हो या ग्रीनहाउस गैस एमिशन को कम करने की हो, तो इस बात में कोई दो राय नहीं कि अब हमारे पास इन दोनों ही समस्याओं के समाधान के लिए तमाम व्यावहारिक और प्रभावी विकल्प उपलब्ध हैं। कमी है तो सिर्फ नीतिगत फैसलों…