भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति को साफ ऊर्जा से चार्ज करने के लिए भारी बिजली उत्पादन की नहीं, बल्कि बेहतर प्लानिंग और स्मार्ट पॉलिसी की ज़रूरत है। ऊर्जा थिंक टैंक ‘एम्बर’ की नई रिपोर्ट बताती है कि अगर सही नीतिगत बदलाव किए जाएं और चार्जिंग ढांचे को समय के अनुसार ढाला जाए, तो साल…
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कोयला हुआ पुराना, अब रिन्यूएबल ही सस्ता
दुनिया भर में 91% नई सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं कोयले-गैस से सस्ती पड़ीं। लेकिन सवाल अब भी बड़ा है: क्या सस्ती बिजली हर किसी तक पहुँच रही है? जरा सोचिए, अगर आपको बताया जाए कि बिजली बनाने का सबसे सस्ता तरीका अब न कोयला है, न गैस, बल्कि सूरज और हवा हैं—तो क्या आप भरोसा…
जलवायु संकट की मार अब आपकी थाली पर
भारत समेत दुनिया भर में खाने-पीने की चीज़ें हुईं महंगी, नई रिपोर्ट ने खोली पोल अगर आपने हाल के महीनों में सब्ज़ियों, प्याज़, आलू या चाय-कॉफ़ी की कीमतों में अजीब उछाल देखा है, तो यह केवल मंडी की मांग और आपूर्ति का मामला नहीं है। एक नई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च के मुताबिक, भारत समेत दुनियाभर के…
बाउंसर बन चुकी है गर्मी: क्रिकेट पर मंडराता जलवायु संकट
IPL के एक तिहाई मैच ऐसी गर्मी में खेले गए जो खिलाड़ियों की सेहत के लिए ख़तरनाक मानी जाती है IPL 2025 के मैच तो लोगों ने खूब देखे होंगे, लेकिन अब जो रिपोर्ट आई है, वो चिंता बढ़ाने वाली है। रिपोर्ट कहती है कि इस साल IPL के करीब आधे मैच ऐसे मौसम में…
2030 तक भारत में 70% चौबीस घंटे स्वच्छ बिजली संभव, हर साल 9 हज़ार करोड़ की बचत
अगर भारत की कंपनियाँ हर घंटे के हिसाब से कार्बन-फ्री बिजली खरीदने लगें, तो देश 2030 तक 52 गीगावॉट तक चौबीस घंटे मिलने वाली स्वच्छ बिजली जोड़ सकता है। यह भारत की कुल अनुमानित बिजली मांग का 5% हिस्सा होगा — और उसमें से 70% पूरी तरह स्वच्छ स्रोतों से हासिल किया जा सकेगा। इस…
डिजिटल दुनिया पर जलवायु संकट का बढ़ता ख़तरा: दुनिया भर के डेटा सेंटर आ सकते हैं बाढ़, तूफ़ान और आग की चपेट में
बैंकिंग से लेकर क्लाउड स्टोरेज, मेडिकल इमरजेंसी से लेकर मोबाइल नेटवर्क और लॉजिस्टिक्स तक, हमारी पूरी डिजिटल दुनिया जिन डेटा सेंटरों पर टिकी है — वे अब खुद एक बड़े खतरे की चपेट में हैं। यह खुलासा हुआ है XDI (Cross Dependency Initiative) की एक अहम नई रिपोर्ट में, जो जलवायु परिवर्तन के चलते तेज़ी…
अब AI सुनेगी, समझेगी हवा को…
IIT Kanpur और IBM की साझेदारी से उत्तर प्रदेश में AI बनाएगी साफ़ सांसों के नक्शे हम अक्सर हवा को महसूस तो करते हैं, पर क्या हम उसे सुन और समझ पाते हैं? न हमें धुएं की चीख़ सुनाई देती है, न उसमें घुले ज़हरीले कणों की फुसफुसाहट।कभी शिकायत करते हैं कि दम घुट रहा…
अब वक़्त है विकास के हिसाब का
स्पेन के सेविला से निकली विकास की नई कहानी कभी-कभी हलचल वहीं से शुरू होती है जहाँ सदी पुरानी व्यवस्थाएँ थकी हुई लगने लगती हैं। स्पेन के सेविला शहर में बीते सोमवार को कुछ वैसा ही हुआ। दुनिया भर के नेता, नीति निर्माता, बैंकर्स और सिविल सोसायटी के लोग एकजुट हुए—न किसी पार्टी के लिए,…
अदालतें बन रही हैं जलवायु की रणभूमि
दुनिया भर में बढ़ते क्लाइमेट मुक़दमे और भारत में इसकी गूंज एक ज़माना था जब जलवायु संकट का ज़िक्र सिर्फ़ वैज्ञानिक रिपोर्टों, यूएन सम्मेलनों या NGO की याचिकाओं तक सीमित होता था। लेकिन अब वही मुद्दा अदालतों की चौखट लांघ चुका है। कोर्टरूम अब सिर्फ़ न्याय का मंच नहीं, बल्कि जलवायु की अगली लड़ाई का…
जलवायु नीति पर बहस में भारतीय कंपनियाँ खामोश
आजकल हर कोई Net Zero की बातें करता है। कॉरपोरेट जगत से भी बड़े-बड़े climate commitments आते हैं—websites पर sustainability pledges हैं, events में climate change पर panels हैं… लेकिन जब बात असल नीति निर्माण की आती है—जहाँ सच में बदलाव की बुनियाद रखी जाती है—तो ज़्यादातर कंपनियाँ खामोश नज़र आती हैं। भारतीय व्यापार जगत…